आतकंवादी और जिहादी में - TopicsExpress



          

आतकंवादी और जिहादी में बहुत फर्क है , आतकंवादी तो कई कारणों से बन सकते हैं , उन से बात भी हो सकती है , उनके साथ बात कर के एक कोम्प्रोमाइसिंगसलूशन भी निकाला जा सकता है, जबकि जिहाद इस्लाम की एक डॉकरिन , जिहाद अपने में एक पूरी आइडियोलॉजी है , जिहाद का सिर्फ एक मोटिव होता है शरिया का शासन , इन से क्या बात करोगे ? इसलिए जिहादियों और आतकंवादियों को एक चश्मे से नही देखा जाना चाहिए | इन्डियन मुजाहिद्दीन एक जिहादी संगठन है , मुस्लिम जिहादी संगठन की तो भर्त्सना कर सकता है किन्तु जिहाद की नहीं , शकील अहमद ने न सिर्फ एक तरह से इन्डियन मुजाहिद्दीन का समर्थन किया है बल्कि इन्डियन मुजाहिद्दीन द्वारा की गई सभी किलिंगस को जायज भी ठहरा दिया है | इन्डियन मुजाहिद्दीन को आतकंवादी संगठन कहना भी जिहाद की समस्या से मुहं मोड़ना जैसा ही है | Lalit Pant
Posted on: Mon, 22 Jul 2013 16:06:26 +0000

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