आज़ादी के लिए जिन शहीदों अपनी जान की कुर्बानी दी हमें वो याद नहीं आज़ादी के क्या मायने हैं हमें वो याद नहीं याद है तो बस इतना की हम कुछ भी कर सकते हैं किसी चौराहे पर red signal jump करने की आज़ादी दिल में डर लिए, नज़र झुकाए बाज़ार से गुज़रती लड़की को छेड़ने की आज़ादी भाड़ में जाए जनता जब काम अपना बनता यह सोच बनाए रखने की आज़ादी street lights तोड़ने से लेकर, किसी बिमार के दर्द को अपने loud music से दबाने की आज़ादी किसी ने क्या खूब कहा है "कभी नोटों के लिए मर गए कभी वोटों के लिए मर गए कभी जात पात के नाम पर मर गए कभी आपस में दो गज ज़मीन के लिए मर गए होते आज सरदार भगत सिंह जिंदा तो कहते यार सुखदेव, हम भी किन कमीनो के लिए मर गए
Posted on: Thu, 15 Aug 2013 05:38:36 +0000
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