इंडियन judisiory autonomous नहीं है - TopicsExpress



          

इंडियन judisiory autonomous नहीं है .भारतीय न्यायपालिका जो कहती है के न्यायपालिका स्वतंत्र होनी चाहिए .इसीलिए executive को judges को नियुक्त करने के अधिकार से हमने वंचित किया .ताकि judisiory की स्वतंत्रता को बरक़रार रक्खा जा सके. एक जाती के वर्चस्व वाली judisiory स्वतंत्र कैसे हो सकती है????? हो ही नहीं सकती. ***judisiory ने constitution के विरोध में जाकर फैसला दिया.के judges को appoint करने का अधिकार सरकार को नहीं होगा.ऐसा फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया .क्यूँ दिया????? क्यूँ के सुप्रीम कोर्ट ने सोचा अगर शुद्रो अतिशुद्रो का दल चुनकर आता है,तो वो हाईकोर्ट के judges को appoint कर सकते हैं.highcourt के judges फिर senior होकर फिर सुप्रीम कोर्ट में आयेंगे.इसका मतलब है की judisiory पर भी ये लोग कब्ज़ा कर सकते हैं.इस तरह से ये सारा का सारा ढांचा जो है वो change हो सकता है.ये नहीं होना चाहिए. इसीलिए constitution में provision है की central Govt. को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के judges को select करने का चुनाव करने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने in the name of interpretation उन्होंने ये अधिकार अपने हाथ में लिया.दुनिया के किसी भी देश में democratic देश में न्यायपालिका को ही judges को नियुक्त करने का अधिकार है ,ऐसा दुनिया में एक भी देश नहीं है ,भारत को छोड़कर. इससे सिद्ध होता है के judisiory ने constitution के विरोध में जाकर misuse किया.केवल मात्र ब्राम्हणों का वर्चस्व भारत में बना रहे.इसके लिए constitutionके विरोध में जाकर ये सारा काम किया.
Posted on: Fri, 12 Jul 2013 01:07:33 +0000

Trending Topics



Recently Viewed Topics




© 2015