कभी तो तुम भी कहो ना...!! कभी तो तुम भी कहो ना कि मैं तुम्हारी ज़रुरत हूँ, तेरे जज़्बातों की सूरत हूँ, तू मुझमें जिस तरह समाया है, उसी तरह मैं भी तेरी पूरक हूँ, कभी तो इन अहसासों को ज़ुबां का रूप दो ना... कभी तो तुम भी कहो ना...!! कभी तो तुम भी कहो ना कि ये सर्वश्व तुम्हें मुझसे ज़्यादा प्यारा नहीं, मुझसे तनिक भी दूर होना तुम्हें गंवारा नहीं, तू मेरे जीवन की हर वजह है जैसे, वैसे ही तेरा भी कोई और सहारा नहीं, कभी तो इन ख़यालों को मूर्त रूप दो ना.. कभी तो तुम भी कहो ना....!! कभी तो तुम भी कहो ना कि ये खुशियाँ क्षणिक नहीं, तुम कल के किसी भय से भ्रमित नहीं, मैं अपना आज जी रही हूँ जिस तरह तुममें, तुम भी उसी के लिए हो अग्रणित कहीं, कभी तो सब कुछ भुलाकर तेरी हर आरज़ू मुझमें हो ना... कभी तो तुम भी कहो ना....!! कभी तो तुम भी कहो ना कि तेरा सब कुछ मुझमें विलीन होगा, मेरा हर अंग तेरे इश्क़ में तल्लीन होगा, मैं जिस तरह तुझसे उबरकर भी तुझमें हूँ, उसी तरह तेरा तस्ब्वुर भी मेरे अपनत्व के अधीन होगा, कभी तो इन ख़्वाबों को हक़ीक़त कहो ना... कभी तो तुम भी कहो ना..... अंकिता जैन !!
Posted on: Tue, 25 Jun 2013 05:40:00 +0000
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