कश्मीर को लेकर सियासी तौर पर जहरीली हवा बहाई जा रही है, दरअसल जो लाइन खींची जा रही है वो दिखाई भले ही नहीं दे रही है, पर चिदंबरम का 1990 का जिक्र,उमर के 2002 का जिक्र और दिल्ली में ही बैठे रहने वाले अरुण जेटली को किस्तवाड़ पहुँचने की जल्दी कुछ न कुछ परिलक्षित करती है.
Posted on: Mon, 12 Aug 2013 16:59:02 +0000
Trending Topics
Recently Viewed Topics
© 2015