कुछ दिन पहले जेडीयू के एक - TopicsExpress



          

कुछ दिन पहले जेडीयू के एक विद्वान प्रवक्ता शिवानन्द तिवारी कह रहे थे की किसी भी एनकाउंटर को असली तभी माना जा सकता है जब उसमे कुछ पुलिस वाले भी मारे जाए ... अब इन दोगलो को कौन समझाये की भारत में केंद्र की कांग्रेस सरकार की मेहरबानी से ऐसे नीच पैदा हो गये है जो किसी आतंकी एनकाउंटर में पुलिस अधिकारीयो के मारे जाने पर भी उस एनकाउंटर को फर्जी साबित करने में जुट जाते है | बाटला हाउस एनकाउंटर में जांबाज पुलिस अधिकारी मोहन शर्मा भी आतंकियों की गोली से मारे गये ..फिर भी दिग्विजय सिंह कहते है की बाटला हॉउस एनकाउंटर फर्जी था ... सलमान खुर्शीद तो यहाँ तक कहते है की जैसे ही सोनिया गाँधी के पास बाटला हाउस एनकाउंटर की खबर पहुची और पता चला की कुछ आतंकी मरे है तो सोनिया गाँधी अपने बाल नोचकर, पुरे कपड़े फेककर चिल्लाते हुए रोते हुए विलाप करते हुए दौड़ने लगी थी ..वो तो उनके पीछे अहमद पटेल ने काफी दूर दौडकर उनको पकड़कर १० जनपथ वापस लाये निम्बू पानी पिलाया फिर जाकर सोनिया बदहवासी की हालत से बाहर आई | मुंबई हमले में जिसमे तीन आईपीएस अधिकारी भी शहीद हुए कांग्रेस नेता ए आर अंतुले और दिग्विजय सिंह आज भी कहते है की वो फर्जी हमला था और हिन्दू आतंकियों ने इन पुलिस अधिकारियो को मारा था जब पुलिस किसी हिन्दू महिला राजबाला को लाठियों से पिट पिट कर मार डालती है और वो घायल होकर कई महीनों तक अस्पताल में पड़ी कराहती रहती है और सरकार का कोई भी आदमी उसका हालचाल तक लेने नही जाता .. फिर जब वो मरती है तो सोनिया गाँधी क्रूर अठ्ठाहस करती है और उसका खून पीकर अपना प्यास बुझती है ... आज तक कोई भी मानवाधिकारवादी या कोई भी कांग्रेसी या दोगले सेकुलरवादी राजबाला के मरने पर अफ़सोस तक नही करते | इतना ही नही कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने तो यहाँ तक कहा की राजबाला अपनी मौत की खुद जिम्मेदार है आखिर वो रामलीला मैदा में धरने में गयी ही क्यों थी ?
Posted on: Sun, 07 Jul 2013 06:48:05 +0000

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