"जब मेरे प्यारे-बेटे गंगाधर का बीमारी के कारण निधन हुआ, तब उसके मृतदेह को ढकने के लिए, नए कपडे लाने के लिए लोगो ने मेरे से पैसे मांगे, पर मेरे पास उतने भी पैसे नहीं थे । तब मेरी पत्नी ने उसकी साडी का एक टुकड़ा फाड कर दिया और हम गंगाधर को स्मशान ले गए । मैने मेरी जिंदगी मे गरीबी के जो दिन देखे है, वो भारत के किसी नेता ने नहीं देखे होंगे फिर भी मैने मेरी गरीबी के कारण कभी मेरा आत्म-सन्मान और मेरे आन्दोलन को कभी पीछे हटने नहीं दिया । ऐसी गरीबी मे भी मैने अपने आप को किसी के हाथो बिकने नहीं दिया!" - डॉ. बाबासाहब आंबेडकर VERY GRATEFULL TO HIS SERVICE TO THE NATION CALLED INDIA. The Greatest leader in modern WORLD !
Posted on: Sat, 21 Sep 2013 22:01:31 +0000
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