धारा 370 पर उमर की धमकी - TopicsExpress



          

धारा 370 पर उमर की धमकी अलगावादी है आडवानी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने की सलाह क्या दे दी, उमर अब्दुल्ला ने खून खराबे की धमकी दे दी है और कहा है कि भाजपा इस अनुच्छेद को हटा कर देखे, उसे अपने मनसूबे पूरे करने के लिए हमारी लाशों पर से गुजरना होगा। उमर ने तो सीधा कह दिया कि यह अनुच्छेद हटा कर देखो, हम खून खराबा कर देंगे और जैसे पाकिस्तान तो बैठा ही है इनकी तरफ से लड़ने के लिए। इस धमकी में पूर्ण रूप से अलगाव की गंध आती है। यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर के भारत के संबंधों की बुनियाद नहीं था जैसा कि उमर ने कहा है बल्कि ये शेख अब्दुल्ला और नेहरु का षड़यंत्र था जिसकी वजह से अब्दुल्ला परिवार जम्मू कश्मीर में राज करता रहा है। इतना होने पर भी शेख अब्दुल्ला ने कश्मीर को भारत से अलग करने की कुचेष्टा की जिसके लिए उसे बर्खास्त कर कैद किया गया था। इस अनुच्छेद की वजह से कश्मीर घाटी में आज तक शान्ति नहीं हो सकी, पाकिस्तानी और आतंकी पनाह में रहते हैं कश्मीर की। अलगाववादी खुले आम पाकिस्तानी झंडा फहराते हैं और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं। इसी अनुच्छेद की वजह से हिन्दुओं को खदेड़ का बाहर कर दिया गया। उमर अब्दुल्ला जरा बताओ कि इस अनुच्छेद में कहा लिखा है कि वहां घाटी में हिन्दुओं को नहीं रहने दिया जायेगा, मगर सच तो यह है कि सारे हिन्दुओं को कश्मीर से बाहर कर दिया, उनका सब कुछ लूट लिया गया। मगर उमर अब्दुल्ला और इसके बाप की आँख से एक आंसू भी नहीं निकला। अगर इतनी ही वकालत करनी है धारा 370 की तो पहले सारे कश्मीरी पंडितों को घाटी में वापस लेकर जाओ और उनकी लूटी हुई संपत्ति उन्हें वापस दिलाओ। बड़ी दुहाई दी जाती है कश्मीरियों की धर्मनिरपेक्षता की। मैं पूछता हूँ कि कश्मीरी मुसलमानों की क्या यह ही धर्मनिरपेक्षता है कि हिन्दुओं को अपने ही घर से बेघर कर दिया। ऐसा सुलूक तो हिन्दुओं के साथ पाकिस्तान में हुआ है और कश्मीर में भी हुआ। उमर की पीपल्स कांफ्रेंस, कांग्रेस, पी डी पी और कश्मीर के अन्य दलों ने मिलकर कश्मीर को भारत में ही एक इस्लामिक राज्य बना दिया और सबने अपने आप को हिन्दू विरोधी और हिन्दू दमनकारी साबित कर दिया। धारा 370 की वजह से भारत में और जम्मू कश्मीर में, दो विधान चल रहे हैं क्यूंकि ज्यादातर कानून वहां पर लागू नहीं हैं, मगर क्यूँ, क्या इस राज्य में सुरखाब के पर लगे हैं। उमर अब्दुल्ला एक बात याद रखना कि जिस दिन केंद्र में कोई प्रधान मंत्री दृढ शक्ति वाला सत्तासीन होगा, उस दिन यह अनुच्छेद अपने आप हट जायेगा क्यूंकि इसे हटाने के लिए मात्र इच्छाशक्ति की जरूरत है। और इतना ही नहीं हमारा तथाकथित "आजाद" कश्मीर भी वापस आ जायेगा। फिर उमर तुम अपनी धमकी को अंजाम देते रहना, तुम्हे दुम दबा के भागना पड़ेगा कश्मीर से। कश्मीर की धर्मनिरपेक्षता महाराजा हरी सिंह के समय में थी जब जम्मू कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य होते हुए भी वहां एक हिन्दू शाशक राज्य करता था और मुसलमान लोग अमन चैन से रहते थे, मगर कश्मीर में जब से मुस्लिम शाशक आये आज़ादी के बाद से, तब से ही हिन्दुओं का दम शुरू हो गया और एक दिन उन्हें खदेड़ ही दिया गया। अफ़सोस तो इस बात का है कि उसी महाराजा हरी सिंह का बेटा कारन सिंह जरूरत से ज्यादा धर्मनिरपेक्ष हो गया और हिन्दुओं का दर्द बांटने का साहस नहीं करता। (सुभाष चन्द्र) 26/6/13
Posted on: Thu, 27 Jun 2013 18:02:45 +0000

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