मोदी ने मुसलमानों की - TopicsExpress



          

मोदी ने मुसलमानों की तुलना पिल्ले से की ? हू..हू..! मोदी ने मुसलमानों को कुत्ते का पिल्ला कहा ? हू.. हू..! मोदी मुसलमानों को पिल्ले के बराबर भी नहीं समझता ? हू..हू..! मोदी को मुसलमनों से माफी मांगनी चाहिए ? हू..हू..! मोदी को दंगों पर कोई अफसोस नहीं है ? हू..हू.. ! मोदी ने खुद को हिन्दू कहा ? हू..हू..! अब तो प्रमाणित हो गया मोदी साम्प्रदायिक है ? हू..हू..! मोदी ने खुद को राष्ट्रवादी कहा ? हू..हू..! प्रमाणित हो गया मोदी देशद्रोही है ? हू..हू..! मोदी ने कहा है उसकी कार के नीचे आ कर पप्पी मर गया ? हू..हू..! मोदी कुत्ते मारता है ? हू..हू..! कुत्तों के बच्चे मारता है ? हू..हू..! मोदी ने मुसलमानों को कुत्ता कहा ? हू..हू..! कहा है तो कहा है ? हू..हू..! हू..हू ! हो.. हो..! हल्ला-गुल्ला.. हू..हू ! हू..हू ! उक्त सामुहिक गान तो नेता लोग गा रहे हैं लेकिन साज मीडिया वाले बजा रहे है । राजनीति में नेताओं का अनर्गल प्रलाप तो कोई नई चीज नहीं है लेकिन मीडिया का इतना पतन ? समझ से परे है और चिन्ता को उत्पन्न करने वाला है । खैर उत्थान की सीमा होती है, गिरने की कोई सीमा नहीं होती ! सो मीडिया का पतन भी असीम हदों तक पहुंच चुका है । मोदी का अमेरीकी पत्रिका को दिया गया साक्षातकार एकदम सटीक, स्पष्ट, सुस्पष्ट(सभ्य भाषा में) तथा परिस्पष्ट( इसके अतिरिक्त कुछ नहीं) था जिस पर असहमति भी हो सकती है और विवाद भी लेकिन विचारधारा पर न कि शब्दों के अर्थ पर । राई का पहाड तो बनाया जा सकता है और एक मरे सांप से पूरी बांबी भी लेकिन शून्य से किला नहीं बनाया जा सकता लेकिन मोदी के मामले में ऐसा ही किया गया है । इलेक्ट्रानिक मीडिया ने विशेषकर एनडीटीवी ने जिस प्राकार से इस मुद्दे पर विचारहीन नेताओं के बेहूदा बयानों को संकलित कर जिस बेहूदा बहस का आयोजन किया उससे लगता है कि देश को इलेक्ट्रानिक मीडिया को सही मायनों में मीडिया बनने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है । पैड मीडिया आज की हकीकत है लेकिन इनकी हरकतों से लगता है कि बात "पैड न्यूज" से कहीं आगे निकल कर "पैड विचारधारा" तक जा पहुंची है और कहना नहीं होगा कि इस प्रकार के चैनल विघटनकारी विचारधारा के वाहक बने हुए है । अपनी विचारगोष्ठियों में ये केवल उन्हीं को आमंत्रित करते है जो इस मुहिम को आगे बढाने में सहायक बन सके । मोदी के साक्षात्कार की बेहूदी समीक्षा व परिचर्चा इसी अभियान का एक पडाव भर है जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि मोदी ने मुसलमानों को कुत्ता कहा । माफी किसे मांगनी चाहिए ? मोदी को या कांग्रेसियों को या मीडिया को ? जाहिर है मोदी ने ऐसा कुछ कहा नहीं । तो क्या कांग्रेसियों व मीडिया को ? जरा इस तर्क-वाक्य को पढ कर विचार करें- क्या आप अपने बेटे को पीटते हो ? नहीं । क्या आप अपने कुत्ते को पीटते हो ? कदापि नहीं ! मैं तो कुत्ते से बहुत प्यार करता हूँ ॥ अच्छा ! तो इसका मतलब हुआ-"तुम अपने बेटे को कुत्ते के बराबर समझते हो"। --------------------------------------------------------------------------------------------- क्या कहा ? अब भी नहीं समझे ? चलो छोडो ! सभी सियार एक सुर गाएंगे; आप भी इस स्मूह गान का मजा लीजिए- हो..हो.. ! मोदी ने-मोदी ने..! हो..हो...हू.हूऊऊऊऊ....! मुसलमानों को-मुसलमानों को ! हो..हो..! ................................................... माफी मांगे-माफी मांगे ! हो..हो..! हो.. हो.. हे..हे.. ही.ही..हू..हू..हूऊऊऊऊऊ.. !
Posted on: Sun, 14 Jul 2013 15:40:00 +0000

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