मैथिले मैथिली के जान - TopicsExpress



          

मैथिले मैथिली के जान मारने छथि, तै आब प्रश्चितो हुनके करय परतनी ने ? -------------------------------------------------------------------------------- उद्धृत शव्द डॉ सुभद्रा झाक मैथिली आन्दोलन सँ- १९१८ इ० पटना में विश्वविद्यालय स्थापित भेल . ताहि सँ पूर्व कलकत्ता विश्वविद्यालय यदि मैथिली कें अपना परीक्षाक्रममें सन्नीविष्ट कएने रहैत, तखन प्रायः बिहार में जाहि संघर्षक सामना मैथिलके करए पड़लैक अछि वा करए पडैत छैक ,करय नहीं पडितैक, यतः कलकत्ता विश्वविद्यालयकसँ उद्भूत पटना विश्वविद्यालय स्वभावतः अपना पाठ्यक्रम में तखन मैथिलिक सन्निवेश ओहिना करैत . तैं जखन कलकत्ता विश्वविद्यालय मैथिली कें उक्त रूपें स्वीकृति दए देलक तखन पटना विश्वविद्यालय में मुजफ्फरपुर कॉलेजक संस्कृत प्रोफेसर श्री सुरेन्द्र नाथ माज़ुमदार मैथिलिक स्विक्रित्यर्थ प्रस्ताव केलन्हि तकर समर्थन श्री अतुलानंद सेन केलन्हि . तखन हिंदी के प्रोफेसर श्री राधाकृष्ण झाक प्रवाल विरोध भेल. ऊपर निर्दिष्ट तर्क जे मैथिली हिन्दिक उपभाषा थिक, एकरा किछु साहित्य नहि छैक, एकरा बढ़ाबा देला सँ हिन्दीक हानि होएत आदि , मैथिलीक स्वीकृतिक विरोधमे उत्थापित भेल, प्रस्ताव पास नहि भय सकल. क्रमशः..
Posted on: Fri, 04 Oct 2013 20:00:17 +0000

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