राम नाम सत्य है । यह तो - TopicsExpress



          

राम नाम सत्य है । यह तो सर्व विदित है कि हिन्दुओ के लिए भगवान राम का नाम बहुत हि आदर सतकार और पवित्रा का प्रतिक है हिन्दु लोग राम को अपना अभीश्ट और भगवान मानते है और उनकि पुजा करते है तो जाहिर है उन्का राम के नाम से अत्यन्त लगाव होना लाजिम है लकिन देखा गया है कि हिन्दु लोग राम के नाम का इसतेमाल सिर्फ अपने मुर्दो को शमसान तक पहुचाने मे करते है मृतक कि अर्थी को जब हिन्दु लोग अपने कंधो पर लेकर चलते है तो राम नाम सत्य है । का उदघोष करते हुए चलते है आखिर ऐसी क्या बात है जो हिन्दु अपने प्रियजनो कि अर्थी को मरघट तक पहुचाते वक्त ही याद आते है कि राम नाम सत्य है अगर उनके राम का नाम सत्य है तो अपने बच्चो के जन्म दिवस पर उनकी लम्बी उम्र कि कामना करते हुए उनहे कहना चाहिए कि बेटा तेरा राम नाम सत्य हो तथा शादी के बाद नवविवाहित जोडे को आशिर्वाद देते समय उनके लिए राम नाम सत्य है का उदघोष करते हुए बंधाई देनी चाहिए अपने अभ्रिश्ट अथवा भगवान के नाम से ज्यादा और कोई अन्य नाम शुभकारक नही हो सकता लगता है जरूर दाल मे कुछ काला है इसिलिए अगर राम का नाम सत्य होता तो हर हिन्दु इस शब्द का उदघोष हर अच्छे अवसर पर जरुर करता हिन्दु धर्म शास्त्रो के मुताबिक ब्राहमण का नाम सम्मान सुचक क्षत्रिय का नाम वीरता सुचक वैश्य का नाम धन धान्य से परिपूर्ण तथा शूद्र का नाम अपमान सुचक होना चाहिए देखने मे आया है कि राम का नाम सर्वणो हिन्दुओ मे हिन्दु वर्णव्यवस्था मे सबसे नीच कहे जाने वाले शुद्र अपनी अनुसूचित जाती अनुसूचित जनजाती तथा पिछडी जातियो के साथ जोडा है इस्से ये सिद्ध होता है कि राम का नाम अपमान सुचक एव कलंकित है इसिलिए सर्वण हिन्दु यानी ब्रहामण क्षत्रिय अथवा वैश्य अपने नाम के आगे पिछे राम नही लगाया बल्कि शुद्र ( दलित आदीवासी एव पिछडी जातियो ) के लौगो के नाम के आगे पिछे उसी तरह जोड दिया गया जैसे बाल्मिकि का नाम जिस्से कि उनके नाम से हि पहचान हो जाए कि वे शुद्र है नीच है राम का नाम शुद्रो के साथ जुड जाना अथवा जोड दिये जाने से उनका विकास नही हो सका है अपने नाम के आगे पिछे तक राम लगा हुवा होने कि वजह से आज तक उनको सुख समृद्धि हासिल नही हुई उनका तो जीते जी राम नाम सत्य होता रहा यानी के वे जिन्दा लाश कि तरह चलते फिरते नजर आते रहे यह भी सत्य है कि जिसका राम के नाम से लगाव रहा है उसकी नैय्या बीच मझधार मे डुबी है बसपा संस्थापक काशी राम का राम वालो यानि भाजपा के चक्कर मे पडने से इतना बुरा हाल हुआ जितना शायद हि दुसरे किसी नेता का हुवा हो बेचारे काशी राम को मरते दम तक अपने सगे संबधी तो दुर अपने परिवार वालो के भी दर्शन नही हुवे यहा तक कि उनकी माँ अपने पुत्त कि एक झलक पाने के लिए तडप तडप के मर गई जैसे कि दुनिया जानती है हिन्दुओ के सबसे बडे संगठन आर एस एस विश्व हिन्दु परिषद भारतिय जनता पार्टी कांग्रेस कम्यूनिश्ट शिव सैना आदी जब से राम के चक्कर मे पडे है उनहै शासन और सत्ता मे रहने के लिए लेने के देने पडते रहे है उदहारण के तौर पर ये भी सच है कि जब 1989 मे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गाधी ने बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाकर शिलान्यास करवाया तो चन्द दिनो मे उनका राम नाम सत्य हो गया और इसके बाद तो काग्रेस सरकार बनाने के लिए बहुमत तक के लिए तरसती रही है हा जोड तोड के सरकार बना लेना दिगर बात है जहा तक राम नामियो (भाजपाईयो) का सवाल है वो तो बेचारे देश कि सत्ता के लिए तरसते हि रहे है ये दिगर बात है कि बराए महरबानी पहले मुलायम सिह कि साईकिल पर सवार होकर कुछ आगे बडे तथा बाद मे बसपा नैत्ती मायावती कि महरबानी से 1998 मे सत्ता सुख प्राप्त करवा दिया यहा ये गौरतबल है कि 1998 मे भाजपा बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के हाथी पर सवार होकर दिल्ली यानी केन्द्र कि सत्ता मे पहुची थी शायद आपको याद होगा कि 1989 से पहले भाजपा के सांसद मे सिर्फ दो हि सांसद हुवा करते थे इसका मतलब उसी राम प्रिय रामनामी हिन्दुओ कि भाषा मे राम का नाम सच्चा और शुभ नही है और यदी राम का नाम सच्चा और शुभ होता तो हिन्दुओ के हर शुभ अवसर पर राम का नाम अवश्य लिया जाता ना सिर्फ उनके मृत्क प्रिजनो कि अर्थी को शमसान तक पहुचाने के अवसर पर-Sudhir Dubay Admin 02
Posted on: Thu, 20 Jun 2013 09:40:09 +0000

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