रुपये कि कहानी Ranjhanna Style - TopicsExpress



          

रुपये कि कहानी Ranjhanna Style मे.. बस,बस इतनी सी कहानी थी मेरी , एक सरकार थी जो की निकम्मी थी , कुछ Finencial Institutes(RBI, Finance Ministry) थे ,जो अब भी ये उम्मीद लगाये बैठे थे कि शायद मेरी हालत सुधर जाये , एक Prime Mnister थे जो की अर्थशास्त्री थे , एक और सरकार थी जो 10 जनपथ से चलती थी | मेरे देश की जनता थी ,Share बाजार की गलियाँ थी और मेरा एक शरीर था जो की अब सठिया चुका था , पर मेरा एक सीना(RBI Policy) था जिसमे अब भी आग बाकी थी | हम ठहर सकते थे पर किसके लिये , हम Doller की बराबरी कर सकते थे पर किसके लिये , मेरे देश की जनता ,शेयर बाजार की गलियाँ , मेरी निकम्मी सरकार किसी पर कोई फ़रक नही था , सब SRK की Chennai Express को 200 करोड़ तक पहुचाने मे busy थे | मेरे सीने की आग(RBI Policy) या तो मुझे सम्भाल सकती थी या फ़िर मुझे लुड़का सकती थी , पर साला अब उठे कौन , कौन जाये फ़िर से सम्भलने-गिरने को , कौन जाये फ़िर से Doller के साथ Competition करने को , अरे ! कोई तो Policy बनाकर रोक लो लुढ़कने से | ये जो निकम्मी सरकार आँखे मुंद कर बैठी है एक बार चाह ले तो Mahatma Gandhi की सौगंध हम फ़िर से सम्भल जायेंगे , पर अब लुड़कने मे ही भलाई थी ,बुड़ापे मे ही सुख था | पर उठेंगे किसी दिन उसी दलाल Street मे तांढ़्व करने को , उसी शेयर बाजार की गलियो मे फ़िर से दोड़ लगाने को.. :)
Posted on: Thu, 26 Sep 2013 08:58:42 +0000

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