वह व्यक्ति मुस्लिम नहीं है (पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहो ) 1) जिसका (कोई ग़रीब पड़ोसी भूखा सो जाए, और इस व्यक्ति को उसकी कोई चिंता न हो और यह पेट भर खाना खाकर सोए। 2) जिसके उत्पात और जिसकी शरारतों से उसका पड़ोसी सुरक्षित न हो। 3) अपने अधीनों (मातहतों, Subordinates) से, उनको क्षमता, शक्ति से अधिक काम न लो। 4) पानी में मलमूत्र मत करो (जल-प्रदूषण उत्पन्न न करो) ज़मीन पर किसी बिल (सूराख़) में मूत्र मत करो। (इससे कोई हानिकारक कीड़ा, सांप-बिच्छू आदि, निकल कर तुम्हें हानि पहुंचा सकता है और इससे पर्यावर्णीय संतुलन भी प्रभावित होगा।) 5) किसी पालतू जानवर-विशेषतः जिससे तुम अपना काम लेते हो, जैसे बैल, ऊंट, गधा, घोड़ा आदि–को भूखा-प्यासा मत रखो, उससे उसकी ताक़त से ज़्यादा काम मत लो; उसको निर्दयता के साथ मारो मत। याद रखो, आज जितनी शक्ति तुम्हें उस पर हासिल है, परलोक में (ईश्वरीय अदालत लगने के समय) ईश्वर को तुम पर उससे अधिक शक्ति होगी। 6) दान देने में, दिखावा मत करो कि लोगों में दानी-परोपकारी व्यक्ति के तौर पर अपनी शोहरत के अभिलाशी रहो। दान मात्र ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए, परलोक में अल्लाह ही से पारितोषिक पाने के लिए दो।) 7) नमूना (बानगी, Sample) कुछ दिखाकर, माल किसी और क्वालिटी का मत बेचो। किसी से बदला लो तो बस उसी मात्रा में जितना तुम पर उसने अत्याचार किया है और क्षमा कर दो तो यह उत्तम है Admin 02
Posted on: Sun, 25 Aug 2013 04:27:24 +0000
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