आम आदमी पार्टी को क्या हो - TopicsExpress



          

आम आदमी पार्टी को क्या हो गया है? प्रचार के सिर्फ चार दिन बचे हैं लेकिन पार्टी सुस्त नजर आ रही है. फेसबुक और ट्विटर पर तो बाहरी लोग हैं जिन्हें दिल्ली से कुछ लेना देना नहीं है इसलिए उनके एक्टिव होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. हकीकत यह है कि जब से अन्ना की चिट्ठी आई है और जब से स्टिंग आपरेशन सामने आया है तब से पार्टी की दिशा व दशा खराब हो गई है. बाकी एबीपी न्यूज और आजतक की सर्वे रिपोर्ट ने पार्टी की हवा निकाल दी. तेजपाल प्रकरण से भी आम आदमी पार्टी को नुकसान हुआ क्योंकि टीवी चैनलों का सारा समय उस पर चला गया और मीडिया के जो लोग पार्टी को मदद कर सकते थे वह नहीं कर सके. लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान जिनकी वजह से हो रहा है वह मीडिया में नहीं आ रहा है. आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान उनके ही लोग पहुंचा रहे हैं जो कुछ दिन पहले तक आम आदमी पार्टी में थे जो टिकट वितरण प्रक्रिया और कमजोर उम्मीदवारों को टिकट देने की वजह से नाराज हैं. ये लोग न सिर्फ पार्टी से अलग हुए बल्कि अब ये लोग घूम घूम के पार्टी के विरोध में कैंपेन कर रहे हैं और अरविंद केजरीवाल को एक धोखेबाज बता रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या यह है कि आम आदमी पार्टी के पार्टी लोकपाल के मुद्दे पर बनी थी जिसकी हवा निकल गई. लोगों को समझ में आ गया कि पार्टी जो कह रही है वह झूठ है. दूसरी समस्या ये है कि पार्टी की कोई विचारधारा नहीं है इसलिए जमीन पर कैडर तैयार होता नहीं दिखाई दे रहा है.बीजेपी के ज्यादातर समर्थक वापस लौट गए हैं. कांग्रेस पार्टी के समर्थक कांग्रेस की कलाबाजी की वजह से आखरी वक्त पर कांग्रेस के पास वापस लौट जाएंगे. आम आदमी पार्टी के ज्यादातर वोटर वो होंगे जो किसी दूसरी पार्टी जैसे की वामपंथी पार्टियां वैगरह के समर्थक हैं और दिल्ली में उनकी पार्टी का अस्तित्व नहीं है इसलिए मजबूरी में आम आदमी पार्टी को वोट दे रहे हैं. मीडिया की वजह से ये लोगों में पापुलर तो हुई लेकिन उस लोकप्रियता को पहले समर्थन में और बाद में उसे वोट में बदलने में कामयाब नहीं होती दिखाई दे रही है. इसकी वजह यह है कि जितने भी लोग पार्टी के प्रचार में लगे हैं वो दिल्ली के लोकल के बजाय दूसरे राज्यों से आए हुए लोग हैं. देखना यह है कि अगले तीन चार दिनों में पार्टी क्या गुल खिलाती है.. क्या तरीका अपनाती है जिससे पार्टी को फायदा हो सके. एक बात तो तय है कि अगर आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन खराब होता है तो इसके नेता देश भर में हंसी के पात्र बन जाएंगे. इससे बचने के लिए आम आदमी पार्टी को कम से कम 15 सीटें जीतने की जरूरत पड़ेगी जो फिलहाल मुश्किल दिखाई दे रहा है लेकिन असंभव नहीं.
Posted on: Thu, 28 Nov 2013 14:55:57 +0000

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