लगभग 2 साल पहले सैंकड़ो लोग - TopicsExpress



          

लगभग 2 साल पहले सैंकड़ो लोग सड़क पर उतर आये थे | किसी से पुछा तो पता चला देश में क्रांति आई हैं और लाने वाले थे अन्ना ! क्या युवा क्या वृद्ध सभी सडको पर उतर आये थे सोचा इस बार तो परिवर्तन अवश्य होगा लेकिन ढाक के वही तीन पात ! भगत सिंह वाले देश के नौजवानों में क्रांति की लहर की बजाय अनशन का आलसी कीड़ा बोया गया | उस समय नरेन्द्र मोदी काफी शांत व स्थिर थे | शायद वो सही समय का इंतज़ार कर रहे थे | अब समय आपके सामने हैं देश पूरी तरह नमो-मेनिया व कांग्रेस नमो-फोबिया से सराबोर हैं | आज हज़ारो नहीं लाखो लोग घर से निकल रहे , मोदी के साथ चलने को आतुर दिख रहे ..... कभी 2014 में मोदी v/s राहुल v/s केजरीवाल का जो ताना बाना बुना जा रहा था वो अब पूरी तरह नमो v/s कांग्रेस हो चूका हैं | कभी भारत का पीएम बनने का ख्वाब संजोने वाले केजरीवाल अब दिल्ली की सत्ता में भी आते नहीं दिख रहे | कहने का अर्थ हैं जो यूथ ब्रिगेड राजनीति में आना चाहती व इसे सीखना चाहती उनके पास मोदी से बढ़िया विकल्प हो ही नहीं सकता .... धैर्य ना खोना , वक़्त आने पर बोलना , विरोधियों के उकसाने पर आप ना खोना व अपने लक्ष्य से ना भटकना राजनीति के अहम् पहलु हैं जिसका निवारण मोदी ने बड़ी बखूबी से किया हैं व बिना कोई वार किया एवं बिना केजरीवाल का नाम लिए उन्हें रेस से पूरी तरह बाहर खदेड़ दिया हैं | 100 बात की एक बात ** नया नौ दिन पुराना सौ दिन ** #नमो_मेनिया साभार : Ultimate बकलोली
Posted on: Tue, 29 Oct 2013 04:10:09 +0000

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