समिति के चुनाव के दरम्यान विनायक विजेता जी और संतोष जी के साथ पूर्व डीजीपी डी.पी ओझा से मिलने का मौका मिला क्योंकि वे भी समिति के वोटर हैं। बातों बातों में तब और अब के मुखिया के संदर्भ में उन्होंने फर्क करते हुए यह बताया कि पहले के थोड़े प्रभावी मुखिया मोटर साइकिल पर एक चालक रख कर चलते थे, बाकी के लोग तो साइकिल से ही अपना काम चला लेते थे...पर आज के मुखिया, इधर चुनाव जीते और बोलेरो से तवेरा तक का सफर शुरू। अब इसे क्या समझा जाये, विकास में बढ़ोतरी या भ्रष्टाचार में इजाफा ???
Posted on: Fri, 12 Jul 2013 07:36:33 +0000
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