हजारों जानों को बचाने - TopicsExpress



          

हजारों जानों को बचाने वाले कर्मठ, कर्तव्य-परायण और कुशल सेना के जवानों में से जिन हीरों को आज हमने Mi 17 की दुर्घटना में खो दिया, उनको श्रद्धांजलि। इस त्रासदी की घडी में दो ही तो चीज़ें हैं, जिन्हें देख कर महसूस होता है, कि सब कुछ बुरा ही नहीं हो रहा - एक तो भारतीय सेना की जांबाजी और दिलेरी, और दूसरा भारतीय आम आदमी का जज्बा, जो विपदा में फंसे हुए अपने भाई-बहनों के लिए दवा से ले कर दुआ तक सब कुछ भेज रहे हैं। एक पुकार पर देश के अलग अलग कोने से 12 डॉक्टर मेरे दल से जुड़ गए, और यहाँ प्रभावित इलाकों में किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। अफ़सोस उस व्यवस्था को देख कर हो रहा है, जो न तो हम लोगों को और ना राहत सामग्री को ज़रूरतमंदों तक पंहुचने दे रही है। स्थिति यह है, कि SDM से ले कर चीफ सेक्रेटरी तक सब से संवाद करने के बाद भी न तो सरकार राहत सामग्रियों को स्वीकार कर रही है, न तो हमें राहत दल के साथ आगे बढ़ने दे रही है। अलग-अलग संस्थाओं के माध्यम से देश भर के लोगों द्वारा भेजी गयी ट्रक की ट्रक सामग्री सड़क के किनारे है, लेकिन ज़रूरतमंदों तक नहीं पंहुचाई जा रही। अब भी लोग जगह-जगह पर फंसे हुए हैं, लेकिन न तो उन्हें निकाला जा सका है, और न तो खाना-पानी ही वहां तक पंहुचाया जा रहा है। खैर ... हमारी, और हमारे जैसे कई लोगों की कोशिश जारी है, कि जितना सम्भव हो, उतना आगे बढ़ा जाये। बस ईश्वर थोडा और साथ दे तो कुछ और प्राण बचाए जा सकेंगे।
Posted on: Tue, 25 Jun 2013 17:55:40 +0000

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