मुझसे आज एक मोहतरमा ने - TopicsExpress



          

मुझसे आज एक मोहतरमा ने कहा हम ब्राह्मण है हम श्रेष्ठ है हम मांसाहार नहीं करते है तुम सारे मांसाहारी पैशाचिक प्रवृत्ति के हो और मांसाहारियों को मुर्दा खाने वाला और जाने क्या क्या लानत-मलानत देती गई , जबकि ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में मांसाहारी और मांस का व्यापार करने वाले सभी जाति से है, जो मांस का व्यापार नहीं कर रहे है वो भी मांस से जुड़े क्षेत्र जैसे लेदर, हड्डियों की वस्तुओ में अपना भाग्य आजमा रहे है , वैसे मैंने मोहतरमा को बताया की इंसान जब धरती पर उत्पन्न हुआ था तो वो मांसाहार ही करता था , आपके पूर्वजो ने भी किया होगा जिनकी वंशज आप है , कृषि कार्य तो मनुष्य ने बहोत बाद में सीखा..और धरती पर महज उपजाऊ मैदानी क्षेत्रो में ही कृषि संभव है जबकि धरती की भौगोलिक परिस्थिति में , जंगल , पहाड़ ,पठार , उसर , बीहड़ , रेगिस्तान , मरुस्थल , सवाई वर्षा क्षेत्र , जैसे बहोत से क्षेत्र है जहा कृषि कार्य संभव नहीं है और संभव भी है तो बेहद सीमित है, इतनी है कि उनकी खाद्य आपूर्ति की पूर्ति नहीं कर सकती है , धरती पर इतना अनाज भी उत्पन्न नहीं होता है की पूरे सात अरब लोगो का पेट भर सके , ऐसे में मांसाहार ही बड़े पैमाने पर उनकी विटामिन युक्त खाद्य मांग की पूर्ति करती है....इस प्रकार ये मानसिकता बेहद वाहियात है कि आप शाकाहारी है तो सर्वोपरि है , आप भी उन क्षेत्रो या अभावो में पली-बढ़ी होती तो मांसाहारी ही होती...
Posted on: Mon, 08 Jul 2013 19:08:39 +0000

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