मैंने तुम्हारे लिए जीना - TopicsExpress



          

मैंने तुम्हारे लिए जीना छोड़ा ही कब था, मैं तो आज भी उन्हीं लम्हों में तुम्हारे लिए... सिर्फ तुम्हारे लिए जिए जा रही हूँ ! तुम शायद भूल गए होगे क्योंकि अब तुम्हारी माँ को माँ सासु माँ पुकारने वाली कोई और आ गयी है, लेकिन मैंने तो वो दर्जा सिर्फ तुम्हारी माँ को ही दिया था, तुम शायद भूल गए होगे क्योंकि अब तुम्हारी बहिन के साथ घंटों सहेलियों से बातें करनी वाली कोई और आ गयी है, लेकिन मेरे लिए तो वही एक सहेली थी जिससे बातें करते वक़्त मैं हर पल में तुम्हें महसूस करती थी ! तुम शायद भूल गए होगे क्योंकि अब तुम्हारे दोस्तों की फ़रमाइशों पर खाना कोई और बनाती है, लेकिन मुझसे तो एक ही बार किसी ने भाभी कहकर यूँ फ़रमाइश जताई थी और मैंने उसे सिर्फ तुम्हारे होठों पर मुस्कराहट देखने के लिए पूरा किया था ! तुम शायद भूल गए होगे क्योंकि अब तुम्हारी बाइक पर बैठने वाली कोई और आ गई, लेकिन मेरे लिए तो वो तुम ही थे जिसके पीछे बैठकर मैं दुनिया देखना चाहती थी, तुम शायद भूल गए होगे क्योंकि अब तुम पर हक़ जताने वाली कोई और आ गयी है, लेकिन मैंने तो तुम्हारे बाद किसी पर हक़ जताया ही नहीं..... क्योंकि मैं अब भी तुम्हारे लिए... सिर्फ तुम्हारे लिए जिए जा रही हूँ... क्यों... शायद इसी क्यों का जवाब ढूँढने के लिए... (बस युहीं एक ख़याल जो लय बद्ध हो कविता नहीं बन पाया......!!)
Posted on: Mon, 01 Jul 2013 12:59:31 +0000

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