हाई कोर्ट ने दुर्गा के - TopicsExpress



          

हाई कोर्ट ने दुर्गा के सस्पेंशन पर जवाब मांगा लखनऊ।। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ग्रेटर नोएडा की एसडीएम दुर्गा नागपाल के सस्पेंशन के मामले में दाखिल पीआईएल पर प्रदेश और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके अवैध खनन पर 19 अगस्त तक जवाब मांगा है। हालांकि, कोर्ट ने दुर्गा का निलंबन रद्द करने की मांग पर कहा कि इस पर फैसला तभी हो सकता है जब दुर्गा खुद अपनी याचिका देंगी। इस मामले में हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश शासन और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि सरकार बताए कि दुर्गा नागपाल के सस्पेंशन से पहले और बाद में अवैध खनन के खिलाफ कितनी कार्रवाई हुई। साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा कि दुर्गा नागपाल के सस्पेंशन के बाद अवैध खनन रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए। आईएएस ऑफिसर दुर्गा शक्ति नागपाल के सस्पेंशन के खिलाफ सोमवार को सोशल ऐक्टिविस्ट नूतन ठाकुर की तरफ से दाखिल इस पीआईएल में कहा गया था कि अवैध माइनिंग और गैरकानूनी ढंग से धार्मिक स्थानों का निर्माण करना पूरे देश के लिए बड़ी समस्या बन चुके हैं। इस पीआईएल में दुर्गा के सस्पेंशन की वजहों की जांच करने और गलत पाए जाने पर उसे रद्द करने के आदेश देने की मांग की गई थी। पीआईएल में हाई कोर्ट से मांग की गई है कि आईएएस ऑफिसर्स की निगरानी करने वाली अथॉरिटी को दुर्गा नागपाल के सस्पेंशन के जांच करने को कहा जाए। अगर दुर्गा का सस्पेंशन गलत पाया जाता है तो इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। आईएएस अधिकारी दुर्गा के सस्पेंशन का मामला यूपी सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। यूपी के सीएम अखिलेश यादव आईएएस दुर्गा के सस्पेंशन को सही बता रहे हैं। उनका कहना था कि आईएएस ने गरीब गांववालों द्वारा बनाई जा रही मस्जिद की दीवार गिराकर माहौल खराब करने की कोशिश की थी। मगर डीएम की तरफ से यूपी शासन को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद की जिस दीवार को गिरवाने के लिए दुर्गा शक्ति को सस्पेंड किया गया है, उसे ग्रामीणों ने खुद गिराया था। इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी एग्रो के चेयरमैन नरेंद्र भाटी ने दावा किया है कि आईएएस दुर्गा को उन्होंने ही सस्पेंड करवाया था। भाटी का दावा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करके 41 मिनट में ही दुर्गा को सस्पेंड करवा दिया था।
Posted on: Fri, 02 Aug 2013 08:57:11 +0000

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